World Population Day 2024: ये है दुनिया का सबसे कम आबादी वाला देश, यहां की पॉपुलेशन 1,000 से भी कम
दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत है, ये हम सभी जानते हैं, लेकिन सबसे कम आबादी किस देश की है, क्या ये आपको पता है? आज विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आइए आपको बताते हैं इस देश से जुड़ी रोचक जानकारी.
Vatican City, Country with Lowest Population: भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन का नाम आता है. ये बात हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे कम आबादी वाला देश कौन सा है? शायद ही आपको पता होगा. दुनिया में सबसे कम आबादी वाला देश है वेटिकन सिटी. ये दुनिया का सबसे छोटा मान्यता प्राप्त देश है जो यूरोप के रोम में बसा है. वेटिकन सिटी की जनसंख्या 2023-24 तक 800 के आसपास बताई जाती है. ये देश मात्र 44 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में बसा है. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग कैथोलिक हैं. आज विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day 2024) के मौके पर आइए आपको बताते हैं इस देश से जुड़ी रोचक जानकारी.
शिवलिंग के आकार में बसा है देश
सबसे कम जनसंख्या होने के साथ-साथ ये देश अपनी आकार के लिए प्रसिद्ध है. ये एक देश ऐसा है जहां भगवान शिव को मानने वाले इतने भक्त हैं कि उन्होंने पूरे देश को ही शिवलिंग के आकार में बसा दिया है. इटली के रोम में स्थित इस देश के लोगों के बीच मान्यता है कि सदियों पहले यहां खुदाई के दौरान एक प्राचीन शिवलिंग मिला था. इस कारण से पूरे देश को शिवलिंग के आकार में बसाया गया है. इस बात की पुष्टि एक इतिहासकार भी अपनी रिसर्च में कर चुके हैं. वेटिकन सिटी को अगर आप ऊपर से देखें तो आपको इसका आकार हू-ब-हू शिवलिंग जैसा दिखेगा. इतना ही नहीं, भगवान शिव के माथे पर बनी तीन रेखाएं भी देखने को मिलेंगीं.
म्यूजियम में मौजूद है शिवलिंग
कहा जाता है कि खुदाई के दौरान मिला शिवलिंग आज भी यहां के ग्रेगोरियन इट्रस्केन संग्रहालय वेटिकन सिटी में मौजूद है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट यहां आते हैं. यहीं नहीं, इस देश के नाम का भी कनेक्शन भारत से है. कहते हैं कि वेटिकन शब्द संस्कृत भाषा के वाटिका से लिया गया है.
वेटिकन सिटी से जुड़े रोचक तथ्य
- दुनिया बेशक काफी बदल चुकी है, लेकिन इस देश में आज भी सदियों पुरानी परंपराओं को माना जाता है. यहां इटली की भाषा बोली जाती है.
- विकास के मामले में भी ये देश काफी पीछे है. यहां किसी भी तरह का पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है. एक 300 मीटर लंबा रेलवे ट्रैक है, जिसके जरिए माल ढोने के काम किया जाता है. इसके अलावा एक भी अस्पताल नहीं है.
- यहां लोगों को जन्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जाती, बल्कि यहां पर कार्यरत होना पड़ता है. नौकरी छोड़ने के बाद यहां की नागरिकता भी खत्म हो जाती है. इस जगह की अपनी खुद की करेंसी है.
09:03 AM IST